हिसार, जेएनएन। दो दिन मौसम साफ रहने के बाद बुधवार की सुबह फिर से मौसम ने करवट बदल ली। दिनभर धूप और बादलों की आंखमिचोली चलती रही तो शाम होते ही काली घटा छा गई। इसके कुछ देर बाद ही बारिश शुरू हो गई। हिसार में हल्की बूंदाबांदी तो कभी तेज बारिश हो रही तो वहीं सिरसा और भिवानी में जमकर बादल बरसे। सिरसा के बड़ागुढ़ा में तो इतनी भयंकर ओलावृष्टि हुई कि धरती पर सफेद चादर सी फैल गई।
वहीं भिवानी के भी कई गावों में पानी भर गया। बीते कुछ ही सप्ताह में इस तरह से हो रही बारिश के कारण बहुत से क्षेत्रों में गेहूं और सरसाें की फसल तबाह हो रही है तो किसान बेहद चिंतित है। अभी भी मौसम से राहत मिलने वाली नहीं है, 12 मार्च यानि गुरुवार को भी बारिश के आसार हैं तो ओलावृष्टि भी हो सकती है। वहीं प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी बूंदाबांदी हो रही है तो कहीं तेज बारिश के आसार हैं। हालांकि 9 और 10 मार्च को होली पर मौसम साफ रहा तो तेज धूप भी निकली। यही वहज रही कि लोगों ने जमकर होली खेली। वहीं इसके पहले तीन दिन भी लगातार बारिश होती रही थी।
बारिश होने के कारण अधिकतम तापमान में भी गिरावट देखने को मिली है। यह 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं जिन दिनों में लोग गर्म वस्त्रों से किनारा कर लेते हैं उनमें लोगों को ठंड का अहसास हो रहा है। इतना ही नहीं मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मार्च महीने के अंत तक एक और पश्चिमी विक्षोभ आ सकता है। पश्चिमी विक्षोभ आया तो फिर से बारिश होगी और फसलों को नुकसान होगा।
इससे पहले भी बीते सप्ताह में पश्चिमी विक्षोभ के कारण ही बारिश हो रही है। बता दें कि जब पहाड़ी क्षेत्राें में बर्फबारी होती है तो हवा का दबाव बनता है इस दबाव का रुख मैदानी इलाकों की ओर होते ही बारिश के आसार बन जाते हैं। इसे पश्चिमी विक्षोभ के नाम से जाना जाता है।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय मौसम विभाग विभागाध्यक्ष डॉ. मदन लाल खिचड़ के अनुसार 11 मार्च की रात और 12 मार्च की सुबह बारिश होने के आसार बने रहेंगे। इस दौरान सभी किसान भाई उचित देखरेख में फसलों की निराई गुड़ाई करें।
Posted By: Manoj Kumar